कविता: देश की पुकार ,कौम-ए-हिन्द
देश की पुकार कूद जा ऐ मुनावर तू भी सरफ़रोशी की राह में, खुद को मुतला कर दे तू भी आज देश परस्ती की चाह … Read more
देश की पुकार कूद जा ऐ मुनावर तू भी सरफ़रोशी की राह में, खुद को मुतला कर दे तू भी आज देश परस्ती की चाह … Read more
जब भी बात हो अमन की, उनको शायद पसन्द नहीं। आतंकवाद का माहौल रहे चाहते वो अमन नहीं। हम कदम बढ़ाते अमन का, और वो … Read more
‘जीवन का मूल्य’ जीवन का मूल्य उनसे पूछो,जिनको रहने को घर नहीं,खाने को अन्न नहीं,हम तो बहुत सम्पन्न है, परफिर भी रोते ऐसे,जैसे हम बहुत … Read more