सोमनाथ मंदिर: टूट कर बिखर कर फिर भी जो चमकता रहा

धार्मिक मान्यताएं: सोमनाथ मंदिर श्लोक- शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय। श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शिव काराय नम: शिवाय:।।

पिता- जिसके बिना जीवन की परिकल्पना करना भी ग़लत होगा

"पिता" एक ऐसा शब्द है जिसके बिना जीवन की परिकल्पना करना भी ग़लत होगा या कह सकते उनके बिना जीवन ही कहाँ...

अमन – काव्य संग्रह,जब भी बात हो अमन की, उनको शायद पसन्द नहीं।

जब भी बात हो अमन की, उनको शायद पसन्द नहीं। आतंकवाद का माहौल रहे चाहते वो अमन नहीं। हम कदम बढ़ाते अमन का, और वो आतंकवाद का, देशद्रोही बातों को...

मतंगेश्वर महादेव मंदिर :रहस्यमयी मंदिर आपको विश्वास नहीं होगा परन्तु सत्य हैं- शिव काशी

 मतंगेश्वर महादेव मंदिर विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां अनेको प्रकार की पौराणिक कथाएं आपको मिलेंगी,...

गाड़ी बुला रही है,सीटी बजा रही है,चलना ही जिंदगी है,चलती ही जा रही है

यानि अबतक ज़िन्दगी कुछ वक़्त के लिए थम सी गई थी, जिन पटरियों पर कभी ट्रेनों का आना जाना थमता ना था...

कविता: देश की पुकार ,कौम-ए-हिन्द

देश की पुकार कूद जा ऐ मुनावर तू भी सरफ़रोशी की राह में, खुद को मुतला कर दे तू भी आज देश परस्ती की चाह में। जज़्बा-ऐ वतन को...

‘जीवन का मूल्य’ – काव्य संग्रह

'जीवन का मूल्य' जीवन का मूल्य उनसे पूछो,जिनको रहने को घर नहीं,खाने को अन्न नहीं,हम तो बहुत सम्पन्न है,...

गजल: बद्दुआ, समझा- शिव काशी

सर्द आहें, दर्द, आँसू, सिसकियों की बद्दुआइश्क़ को फिर यूँ लगी कुछ हिचकियों की बद्दुआ

सोमनाथ मंदिर: टूट कर बिखर कर फिर भी जो चमकता रहा

धार्मिक मान्यताएं: सोमनाथ मंदिर श्लोक- शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय। श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शिव काराय नम: शिवाय:।।